भोजपुरी में अपशब्द (गारी) आ ओरहन देवे के भी एगो आपन तरीका बा, शैली बा आ भोजपुरी मे गारी के एगो आपन स्थान आ जगह बा।
आपन भोजपुरी में शब्दन के कमी नइखे, एगो खोजेब दस गो मिली।
भोजपुरी में उपयोग होखे वाला कुछ देहाती गारी
- ई त बड़ा तिरछोल बा रे!
- आदमी हउअ की बानर
- चउपट
- चपाट
- घचाक
- बकलोल
- बोका
- नाती के बेटा
- मार के भर्ता बना देब
- बहलोल
- चिरकुट हउवे का
- जीनगी भर “छूछूनरे” रह गइल$
- भकचोन्हर
- नतिया
- भकभेलर
- करमुहा कहिं के
- मंगधोअनी
- मुह झउसा
- सतभतरी
- बड़का पाड़ा ह
- बनरी के जात
- अनेरा
- तोर मंगिया धो देब
- तोर मंगिया मे कोईला दर देब
- चिरकुट कही का
- दत्तचियार
- कुलबोरन
- गरजऽ मत
- तोरा उफर परो
- कीरा परो
- तोरा मुँह में फूला परो
- कोढ़ फुटो
- राख लगा के जीभ खींच लेब
- तर-उपर लाठी धऽ के जांत देब
- सोझे दुआरी आगी लगा के फूंक देब
- बाती छटका देब
- गड़ाए गइल बा
- तोपाए गइल बा
- मुआ के बरम्ह पुजेब
- मांग में आगिए जोर देब
- मोंछ उख़ाड लेब
- टेढ़ होके चलबे त डैने अइंठ देब
- करिखही हा़ॅडी से मारेब
- चूल्हिए में जोर देब
- जीभ खींच लेब
- खत काट लेब
- बोकला छोड़ा देब
- छाल खींच लेब
- उमकल छोड़ा देब
- घेंट अइंठ देब
- लसार-लसार के मारेब
- दाँत लगा-लगा के मारेब
- लुआठी खालेऽ
- घरी-घरी खेपऽतानी
- तहार घरी निअराताऽ
- हमरे हाथे लिखऽता
- बइठल विषकुल्ला कइले बा
- ठुसुर-ठसुर करऽ ता
- बड़ा अगराइल बाड़ी
- धधा गइल बा
- अपना के धनुकाइन भइल बाड़ी
- बड़ा चोना करऽ तारी
- नव जाने ली छव ना जाने ली
- बड़ा खेलाड़ी बिआ
- ओकर बात सुनते देह में आग लग गइल
- तोरा दादा के हाड़ में कबड्डी खेलार्इं
- खिसिए जर के अंगार
- एगो खल के बाड़े
- उनचास हाथ के अंतरी बा
- इनकर थाह लगावे वाला केहू नइखे
- बसवा देहले
- नीच-ऊँच नइखन बूझत
- हाथ दुमावत गइले हाथ दुमावत अइले
- घीनाऽ देहले
- खीं-खीं खीं-खीं दाँत मत चिआरऽ
- तेजी देखावऽ तारे
- बढ़नी मारो इनका चाल सुभाव के
- भल बाड़ऽ हो
- ओकरा पसंगों में नइखन
- लोहू ढरका देब
- नटिये अइंठ देब
- बरम्हाड़े फोर देब
- लाद फार देब
- टंगरी चीर देब
- नाल ठोक देब
- भुभुन फोर देब
- घघेली जांत देब
- खान देब
- पांजर छटका देब
- बाती तूर देब
- बाई मरले बा?
- लकवा मरले बा?
- बीख मत हगऽ
- बीख मत पादऽ
- बीख मत ढीलऽ, ना तऽ
- मरकी लागो
- बजर परो
- खलर परो
- आग लागो
- जरो धनको
- तोरा माटी लागो
- काया में घून लागो
- चुआती लागो
- पेट बिहंस जाइत उ फाट जाइत (पेटक्कड़ों पर व्यंग्य)
- बढ़नी लागल बा उ विपत्ति
- अनसोहातो उ बिना बात के
- रहनदारी उ
- लोर टप-टप गिरत रहे
- पूल जइसन देह
- फूल के कुप्पा उ गभुआइल
- लाटा लगावे ले
- तू जवन करऽ तारऽ तवन ठीके बा
- एक दिन रोवे के आँख ना जूरी
- छोड़ऽ हटावऽ जाए दऽ
- नीच के संग नीच ना बने के
- चोना करऽ तारी
- झमकल बाड़ी
- अगराइल बाड़ी
- भवचर जानऽ तारी
- चौरासी भरमऽ तारी
- अपना में लगावत नइखी
- लौका बिजली भइल बाड़ी
- कसहा थरिया खानि गनगनाइल बाड़ी
- बड़ा वरनकल बाड़ी
- बिरिनिआइल बाड़ी
- हम त अपने छतीसा हर्इं, हमरा के जन पढ़ावऽ
- करिख जिभ्भी
- अकलमरुआ
- मुँहधोवा
- कर्कशानारी
- मुँहचोर
- दलिद्दर
- अघोरी
- मुँहफट
- हरामखोर
- लंठ
- चुगलखोर
- बहुबंश