देखल जाव त भोजपुरी में पुनरुक्ति शब्द आ युग्म शब्द खूब बोलल जाला, त आज हमनी के जानेब जा का ह पुनरुक्ति शब्द आ ओकर प्रकार आ ओकरा साथे उदहारण।
पुनरुक्ति शब्द यौगिक शब्दन के एगो भेद ह आ येमे से कुछ सामासिक भी होला। यौगिक शब्दन के एगो रूप बा युग्म शब्द एकर माने होला जोड़ा। जब कवनो शब्द आपन समानार्थी, विलोमार्थी भा मिलत-जुलत शब्दन के साथ जोडा बना के प्रयुक्त होला तब ओकरा के युग्म कहल जाला। पुनरुक्ति उ हऽ जवना में एकही गो शब्द के दोहरावल जाला जवन की पृथक, यादृच्छिक, पुनरुक्ति रूपांतर के संबंध के बतावेला।
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया-विशेषण आदि शब्दन से पुनरुक्ति शब्द बनेला।
पुनरुक्ति के परकार
पूर्ण पुनरुक्ति – जब एके गो शब्द के एके साथे लगातार दोहरावल जाव तब ओकरा पूर्ण पुनरुक्ति कहल जाला।
उदहारण खातिर
संज्ञा – गाँव-गाँव, भाई-भाई, गली-गली।
सर्वनाम – केऽ-केऽ , जेऽ-जेऽ आदि।
क्रिया – हसत-हसत, देखत-देखत, आवत-आवत आदि।
आंशिक पुनरुक्ति – जब एके गो शब्द के दोहरावल जाव तब दोसर शब्द एक जइसन ना होखे ला बाकिर ओह में ध्वनि या अर्थ के आधार पऽ शब्द समान होखे।
जइसे : काम-काज, जोर-शोर, हऽल-चऽल
अर्थ के आधार पर तीन प्रकार के पुनरुक्ति निम्न हैं-
मतलब (अर्थ) के आधार पऽ पुनरुक्ति शब्द तीन तरह के होला
- विलोम – दिन-रात, लेन-देन
- पर्याय – बाग-बगइचा , धन-दउलत
- वर्गीय – दाना-पानी, पोथी-पतरा