भोजपुरी श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द | Homonyms Words in Bhojpuri Language
भोजपुरी में अनेक श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द (सुने में समान बाकिर माने अलगअलग वाला शब्द) बाड़े स, जवन खास-खास जगह प आपन अलग-अलग अर्थ के बोध करे ले स ओकर कुछेक उदाहरण-
भोजपुरी में अनेक श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द (सुने में समान बाकिर माने अलगअलग वाला शब्द) बाड़े स, जवन खास-खास जगह प आपन अलग-अलग अर्थ के बोध करे ले स ओकर कुछेक उदाहरण:
बाँध-पूल नदी के बान्ह
बाघ–साब भा मूज के पातर रसरी
मान-इज्जत; सत्कार
मान (नि)-सियार आ साहिल के रहे के जगह
बान-आदत
बान-तीर
कान-ध्यान दीहल (क्रिया)
कान-अंग विशेष
नाथ-बएल के नाक छेद के नाथे वाली रसरी
नाथ-मालिक
बाढ़-दरियाव में पानी बढ़िाइल
बाढ़-शरीर के विकास
राड़-बदमाश
राँड़-विधवा
डांड़-दण्ड
डॉड-कमर
झाड़-डांट-डपट
झाड़-मुरमुट
भाँड़-नाच विशेष
भाँड़-हांडी
बेदाम-फल विशेष
बेदाम–बिना दाम के
नस-खइनी के चूरन
नस-शरीर में खून वगैरह के छितराइल नली
चाह-इच्छा
चाह-चाय
पूछ-मान
पूछ-पोंछ
संग-साथ
संघ-समूह
तर-तरल, भीजल
तर-नीचे
लर-सह
लर-लगातार
वर-पेड़ विशेष
बर-दुल्हा
खल-लोहा के छोट ओखर
खल-बदमाश
भार-वजन
भार-भूजाई के मजूरी
गोंड-कानू-जाति विशेष
गोड़-पर
खाटी-चारपाई
खाँटी-विशुद्ध
गाज-फेन
गांज–देर
बास-गंध
बांस-गांछ विशेष
डोंड़-पानी के सांप
डोर—पानी खींचे के रस्सी।
बस-मोठर गाड़ी
बस-अधीन
बस-रोक दीहल
जर-बोखार
जर-सोर, जरिया
कर-लगान
कर-देह (तहरा कर प बस्तर ना चढ़ी
कन—कंद-मूल विशेष
कन-चाउर के छांटला के बाद के पूर
फन-फेर में
फन-छत्तर
दन-फिकिर
दन-जल्दी, तुरत (दन से भाग गइल)
मन-दिल
मन-वजन के माप
तन-शरीर
तन-अकड़ल (उ एकदम तन गइल)
झूर-पौधा विशेष (झूर से सउरा खोजल)
झूर-खस्ता आ कड़ा (झूर बजका)
दवा-दवाई
दावा-हक
धारा-पसंघा
धारा-पार
बलि-पूजा चढ़ावे के खातिर जान मारल (बलिदान)
बली-मजबूत
बिना -अभाव में
बीना-एगो बाजा विशेष
समान – बराबर
सामान-बतस, चीज
कूट-अन्न के रास
कूट-खास कागज
कोश-खजाना
कोस – दूरी के माप
जब-जवना समय
जव-अन्न विशेष
जबान-जीभ
जवान-युवक
जोर-बल
जोर-रसरी
जोड़-योगफल
जेवर-गहना
जेवरि-रस्सी
ऐगुन-हानि
अवगुन-खराब गुण
खोल-ढक्कन (रजाई के खोल)
खोल-केवाड़ी खोलल (क्रिया)
बन-कुर्ता के बन टूट गइल (फीला)
बन-बन्द–किवाड़ी बन कल)
बन-जंगल-वन में बाघ रहेले स
मोंट-मोटा (मोंट ककरी मत तूर)
मोटि-खेत पटायेवाला चमड़ा के धोकरी
बैर-दुश्मनी
बइर-फल विशेष
थान – मवेशीन के चूची
थान-कपड़ा के थान
धयान दीं : भोजपुरी अकादमी पत्रिका से लीहल गइल बा