भोजपुरी शब्द संरचना
भोजपुरी शब्द संरचना मतलब केंगा शब्द बनेला।
भोजपुरी शब्द संरचना के कुछ उदहारण
“हार’ (वाला)
- खइनीहार : खाने वाला
- दुहनियार : दूहने वाला
- सोहनियार : सोहनी करने वाला
- बनिहार : मजदूरी करने वाला
- मनिहार : मणिमाला बेंचने वाला
“वाह” (वाला)
- हरवाह : हल चलाने वाला
- चरवाह : पशु चराने वाला
- घसवाह : घास काटने वाला
- कुदरवाह : कुदाल चलाने वाला
“अई’: (किसी क्रिया की अधिकता में)
- जबरई : जबर्दस्ती
- लबरई : झूठा
- खइनई : खूब खाना-पीना
“कू”
इस प्रत्यय से बना शब्द प्राय: दिखावा के अर्थ में होता है और इसमें व्यंग्य छुपा रहता है।
- लड़ाकू : लड़ने वाला
- पढ़ाकू : पढ़ने वाला
“हा” : (वाले)
- डेरहा : डेरावाले
- दिअरहा : दिआरा वाले
- खेतहा : खेत वाले
- बनहा : वन में रहने वाले “बनेया’
- बेटहा : वर पक्ष से बेटा वाले
- कटहा : काटने वाले (कुत्ता,बन्दर)
- घटहा : घाट वाले नाव
- जटहा : जटा-जूट वाले साधु, बच्चा
- फटहा : मुँहफट
- पगहा : पैदल यात्री, रस्सी
- पनहा : पानी में रहने वाला सर्प, जूता
- पतहा : पत्ता वाला फसल या स्थान
- भरहा : भार ढोने वाले वाले कहार
- हरहा : हरकाह जीव (गिलहरी, खरगोस, कौवा आदि)
- चरहा : चारागाह, चरने वाले पशु, चरवाह
“गर” : (अधिकता सूचक)
- गलगर : गाल बजाने वाला
- मुँहगर : अधिक बोलने वाला
- लुरगर : ढंग से
- दुधगर : दुधारू
- नूनगर : अधिक नमीकन
- छरगर : छरहरा
- जोरगर : बलशाली
- सनगर : तेज
“वान”
धनवान, कोचवान, गाड़ीवान, पहलवान, पिलवान, बलवान, भगवान
“मातर” अर्थ : ही
- देखते मातर : देखते ही
- कहते मातर : कहते ही
- खाते मातर : खाते ही
- जाते मातर : जाते ही
- छूते मातर : छूते ही
“आह”
- सनक + आह : सनकाह
- बिख + आह : बिखिआह
- खिस + आह : खिसिआह
- लत + आह : लताह
- पेट + आह : पेटाह
- नेट + आह : नेटाह
- टेंट + आह : टेंटाह
- ढेल + आह : ढेलाह
“लेखाँ” : (की तरह)
- कुकुर लेखां : भोंकऽता
- कुम्हकरन लेखा : सुतल बा
दे
- धांय दे : गोली लागल
- कांय दे : क के मर गइल
- टांय दे : बोललख, मरलख
- चांय दे : चिचिआइल
- छांय दे : जल गईला
- भांय दे : चिल्लईलऽस
- सांय दे : गोली निकल गइल
- ठांय दे : जबाब देहलख
भर
- हाथ भर : एक हाथ का
- दाम भर : दाम भर का
- दिन भर : पूरा दिन
- पेट भर : भर पेट
- इच्छा भर
- जोर भर
- बलभर
- पलभर
ही
- गदही
- नदही
- कटही
- घटही
- चटही
- जटही
- झटही
- संगही
- सोगही
“चाके” (: सा)
- नखी चाके : छोटा सा
- हेती चाके : छोटा सा
“से”
- खट से : खड़ा
- गट से : निगल गया
- चट से : दाव मारल
- झट से : भागल
- पट से : टूटल
- फट से : आवाज
- टप से : चू गइल
“गार”
- लगार : पुरकस
- कगार : किनारा
- बेगार : बिना मन, मजदूरी के कार्य (बैठल से बेगार भला)
- घेघार : घेघ वाला
- डेगार : झड़क कर
- छिगार : छिट:पुट, झांझर
- निगार : बदला
- बिगार : झगड़ा
- जुगार : इन्तजाम