संत कवि ध्रनी दास जी के लिखल इहाँ दू गो पद दिहल गइल बा। पहिलका पद में जहवाँ भक्त अपना के सबले कम अँकले बाड़ें उहँवें भगवान के सब गुन से भरल आ महान कहत बाड़ें। दूसरा पद में कवि भगवान के गुरु मानत बाड़ें उनका कहला अनुसार जवना दिन गुरु के लागीं प्रेम आ […]
Dharni Das
ध्रनी दास सारण जिला के मांझी गाँव के रहनिहार रहले। मांझी में आजुओ इनका शिष्य
परंपरा के मठ बा। ‘प्रेम प्रकाश’ आ ‘शब्द प्रकाश’ दू गो इनकर पुस्तक बा। नौकरी करत गृहस्थ
जीवन में इनका चित्त में प्रेरणा जागल आ इहाँ का निस्काम भक्ति, योग साध्ना में लाग गइनी। संवत्
1731 में इनकर निध्न भ गइल।